भारत में 8 विभिन्न प्रकार के लघु व्यवसाय ऋण क्या है
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बैंक अक्सर स्मॉल बिज़नेस को लोन देने में संकोच करते हैं। संभवतः उनके छोटे कार्यकाल को देखते हुए और छोटी वित्तीय इतिहास के कारण स्मॉल बिज़नेस के लिए धन प्राप्त करना एक चुनौती हो सकती है। और वहीं बिज़नेसमैन को यह पता लगाने में कठिनाई हो सकती है कि उनके लिए कौनसे लोन का विकल्प सबसे अच्छा है।

आइए इस लेख में, हम भारत में उपलब्ध 8 विभिन्न प्रकार के स्मॉल बिज़नेस लोन के बारे में विस्तार से जानते हैं, जिससे आपको यह तय करने में मदद मिलेगी कि आपके बिज़नेस के लिए कौन सा लोन सही है।

भारत में स्मॉल बिज़नेस के लिए 8 प्रकार के बिज़नेस लोन

भारत में बिज़नेस के लिए 8 विभिन्न प्रकार के लोन उपलब्ध हैं। आइए इन लोन में से प्रत्येक के अपने फ़ायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं, ताकि आप अपने लिए सबसे अच्छा लोन चुन सकें:

वर्किंग कैपिटल लोन

वर्किंग कैपिटल लोन एक प्रकार का स्मॉल बिज़नेस लोन है जो व्यापार को अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है। इन लोन का उपयोग कर्मचारियों के वेतन, किराए, इन्वेंट्री और अन्य अल्पकालिक ख़र्चों का भुगतान करने के लिए किया जा सकता है। वर्किंग कैपिटल लोन उन बिज़नेस के लिए एक अच्छा विकल्प है जिन्हें सुचारु चलाने और बिज़नेस के विस्तार हेतु धन की आवश्यकता है।

सावधि लोन

सावधि लोन एक प्रकार का स्मॉल बिज़नेस लोन है जो एक निश्चित अवधि के लिए प्रदान किया जाता है। यह लोन बिज़नेस को दीर्घकालिक संपत्तियों, जैसे कि उपकरण, मशीनरी या अचल संपत्ति ख़रीदने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सावधि लोन आमतौर पर सुरक्षित होते हैं, जिसका अर्थ है कि बैंक एवं वित्तीय संस्थान लोन को चुकाने में विफल रहने की स्थिति में सिक्युरिटी ज़ब्त कर सकता है।

साख पत्र

साख पत्र बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा जारी किया जाता है। यह एक गारंटी है कि बैंक भुगतानकर्ता की ओर से भुगतान करेगा, यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं। साख पत्र का उपयोग अक्सर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में किया जाता है। यह उपभोक्ता (खरीदार) और विक्रेता दोनों के लिए सुरक्षा प्रदान करता है। खरीदार को यह आश्वासन मिलता है कि उन्हें वे सामान प्राप्त होंगे जिनके लिए उन्होंने भुगतान किया है, और विक्रेता को यह आश्वासन मिलता है कि उन्हें उनके सामान के लिए भुगतान किया जाएगा।

बिल डिस्काउंटिंग

बिल डिस्काउंटिंग की मदद से बिज़नेस को अपने बकाया चालानों को तुरंत नकदी में बदलने की सहूलियत मिलती है। यह उन बिज़नेस के लिए एक उपयोगी विकल्प है जिन्हें अपने वर्किंग कैपिटल को बढ़ाने या तात्कालिक भुगतान करने की आवश्यकता है। बिल डिस्काउंटिंग में, बिज़नेस अपने बकाया चालानों को एक बैंक या वित्तीय संस्थान को बेचता है। बैंक या वित्तीय संस्थान चालान का मूल्य घटाकर एक छूट दर पर भुगतान करता है। बिज़नेस फिर बैंक या वित्तीय संस्थान को लोन की राशि, ब्याज सहित, परिपक्वता तिथि पर चुकाता है।

ओवर ड्राफ़्ट सुविधा

इस सुविधा के अंतर्गत आपको अपने बैंक खाते से अपनी जमा राशि से अधिक पैसे निकालने की सहूलियत होती है। यह बिज़नेस के लिए एक उपयोगी उपकरण हो सकता है जिन्हें तत्काल एवं अल्पकालिक पैसों की आवश्यकता होती है। ओवरड्राफ़्ट सुविधा के लिए आवेदन करना आसान है, और बैंक आमतौर पर जल्दी से स्वीकृति प्रदान करते हैं। आपको केवल एक बैंक खाता खोलना होगा और अपनी आवश्यकताओं के आधार पर ओवरड्राफ़्ट सीमा के लिए आवेदन करना होगा। इसका उपयोग करने के लिए, आपको बस अपने डेबिट कार्ड या चेक का उपयोग करना होगा। जब आप अपनी जमा राशि से अधिक खर्च करते हैं, तो बैंक आपके ओवरड्राफ़्ट खाते से पैसे उधार लेगा।

मशीनरी लोन

जैसा कि नाम से ही मालूम पड़ता है कि यह लोन मशीनरी ख़रीदने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है। यह लोन मशीनरी और उपकरण ख़रीदने या मौजूदा मशीनरी का नवीनीकरण करने में मदद करता है। यह लोन उन बिज़नेस के लिए एक अच्छा विकल्प है जिन्हें अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने, अपनी कार्यक्षमता में सुधार करने या अपनी प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की आवश्यकता है। मशीनरी लोन आमतौर पर बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) द्वारा प्रदान किए जाते हैं।

सरकारी लोन

भारत सरकार लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार के लोन की योजनाएँ प्रदान करती है। ये लोन की योजनाएँ आमतौर पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध होती हैं। यदि आप अपने बिज़नेस के लिए लोन प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं, तो सरकारी लोन की योजनाएँ एक अच्छा विकल्प हो सकती हैं।

प्वाइंट - ऑफ़ - सेल ( पीओएस ) लोन या व्यापारी नकद अग्रिम

प्वाइंट-ऑफ़-सेल (पीओएस) लोन और व्यापारी नकद अग्रिम छोटे बिज़नेस के लिए लोन के दो प्रकार हैं जो उन्हें तुरंत नकदी प्राप्त करने में मदद करते हैं। यह लोन डेबिट और क्रेडिट कार्ड लेनदेन से प्राप्त धन के एक हिस्से को बेचकर काम करते हैं। पीओएस लोन में, बिज़नेस बैंक एवं वित्तीय संस्थान को भविष्य के कार्ड लेनदेन के एक हिस्से पर अधिकार देता है। बैंक एवं वित्तीय संस्थान तब बिज़नेस को लोन की राशि का एक प्रतिशत, आमतौर पर 80% से 90% तक देता है।

निष्कर्ष

भारत में छोटे बिज़नेस के लिए 8 विभिन्न प्रकार के लोन उपलब्ध हैं। प्रत्येक लोन अलग-अलग उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनाये गए हैं। इसलिए आपके लिए सबसे अच्छा लोन चुनना महत्वपूर्ण है। चुनाव करते समय, अपनी आवश्यकताओं, वित्तीय स्थिति और लोन की शर्तों पर विचार करें। साथ ही साथ आप कोटक महिंद्रा बैंक से उचित ब्याज़ दरों के साथ बिज़नेस लोन प्राप्त कर सकते हैं। अपनी योग्यता का निरिक्षण करें, अपनी आवश्यकताओं की सूची तैयार करें, और कोटक बैंक के साथ लोन के लिए अप्लाई करें।

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