एमएसएमई क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले उद्यमों की सूची
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भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कही जाने वाली एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) देश के सकल घरेलू उत्पाद में 30% से ज़्यादा का योगदान देती है। इन छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों ने न सिर्फ़ देश में रोज़गार के अवसर पैदा किए हैं बल्कि देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत में एमएसएमई की संख्या 65 मिलियन से ज़्यादा होने के साथ, ये उद्यम विभिन्न सरकारी योजनाओं और फ़ायदों के लिए पात्र हैं। इस लेख में, हम इसके वर्गीकरण और इसके अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्रकार के उद्यमों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

एमएसएमई के अंतर्गत कौन से क्षेत्र आते हैं ?

एमएसएमई भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस क्षेत्र ने रोज़गार उत्पन्न करने के साथ-साथ देश के आर्थिक सशक्तिकरण में भी विशेष भूमिका निभाई है। आइए इसे और बेहतर तरीके से समझने के लिए जानते हैं कि एमएसएमई को कौन-से दो मुख्य क्षेत्रों में बांटा जा सकता है:

  • विनिर्माण क्षेत्र : इस क्षेत्र में एमएसएमई उद्योग कच्चे माल से विभिन्न उत्पादों का निर्माण करते हैं। ये उत्पाद देश के कुल विनिर्माण उत्पादन और निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उदाहरण के तौर पर, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, फर्नीचर वगैरह विनिर्माण क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
  • सेवा क्षेत्र : इस क्षेत्र में एमएसएमई उद्योग विभिन्न सेवाएँ प्रदान करते हैं। उदाहरण के तौर पर, परामर्श सेवाएँ, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, होटल उद्यम, वगैरह सेवा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।

एमएसएमई के अंतर्गत आने वाले उद्यमों की सूची क्या है ?

एमएसएमई के अंतर्गत आने वाले उद्यमों की सूची बहुत विस्तृत है। ये विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं और विभिन्न उत्पादों और सेवाएँ प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं कि एमएसएमई के अंतर्गत आने वाले उद्यम क्या हैं:

 

· विनिर्माण क्षेत्र :

Ø कपड़ा और वस्त्र : कपड़े, परिधान, बुनाई, कढ़ाई वगैरह।

Ø खाद्य प्रसंस्करण : खाद्य पदार्थों का उत्पादन, पैकेजिंग, और वितरण।

Ø इलेक्ट्रॉनिक्स : कंप्यूटर, मोबाइल फोन, टीवी, रेडियो, वगैरह।

Ø कृषि उपकरण : ट्रैक्टर, हल, बुवाई मशीनें वगैरह।

Ø औद्योगिक उपकरण: मशीनरी, उपकरण, और स्पेयर पार्ट्स।

Ø हस्तशिल्प : कपड़ा, आभूषण, लकड़ी का काम, वगैरह।

 

· सेवा क्षेत्र :

Ø आईटी और सॉफ़्टवेयर : वेबसाइट डिज़ाइन, सॉफ़्टवेयर विकास, आईटी सेवाएँ वगैरह।

Ø स्वास्थ्य सेवा: अस्पताल, क्लीनिक, दवा भंडार वगैरह।

Ø शिक्षा : स्कूल, कॉलेज, ट्यूशन सेवाएँ वगैरह।

Ø पर्यटन : होटल, रेस्तरां, ट्रैवल एजेंसियां वगैरह।

Ø परामर्श सेवाएँ : बिज़नेस कंसल्टिंग, लेखा सेवाएँ, कानूनी सेवाएँ वगैरह।

Ø ब्यूटी और वेलनेस : सैलून, स्पा, योग केंद्र वगैरह।

 

· अन्य क्षेत्र :

Ø कृषि : खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन वगैरह।

Ø निर्माण : निर्माण कार्य, सिविल इंजीनियरिंग वगैरह।

Ø खनन : खनिज पदार्थों का खनन।

Ø परिवहन : परिवहन सेवाएँ, लॉजिस्टिक्स वगैरह।

एमएसएमई के अंतर्गत न आने वाले उद्यमों की सूची

एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार, निम्नलिखित प्रकार के उद्यम एमएसएमई की श्रेणी में नहीं आते हैं:

  • सट्टा और जुआ: किसी भी प्रकार की सट्टा या जुआ गतिविधि।
  • वन और वन उत्पाद: लॉगिंग, वानिकी, और वन उत्पादों का व्यापार।
  • मछली पालन और जल कृषि: मछली पकड़ना, मत्स्य पालन, और जल कृषि संबंधित गतिविधियां।
  • मोटरसाइकिल मरम्मत और व्यापार : मोटरसाइकिलों की मरम्मत, बिक्री, और व्यापार।
  • घरेलू सेवाएँ : घरेलू कर्मचारियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएँ।
  • बाहरी संगठन : विदेशी संगठन या अंतरराष्ट्रीय संगठन।
  • व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए सामान और सेवाएँ : घरों में व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए बनाए जाने वाले सामान और सेवाएँ।

एमएसएमई लोन कैसे काम करते हैं ?

एमएसएमई लोन, यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए दिए जाने वाले लोन, छोटे उद्यमों के लिए एक वरदान साबित होते हैं। ये लोन छोटे उद्यमों को बढ़ने, विकसित होने और अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद करते हैं। भारत सरकार एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के तहत, एमएसएमई को कम ब्याज़ दरों पर लोन उपलब्ध कराए जाते हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना एक ऐसी ही योजना है जो छोटे उद्यमियों को आसानी से लोन उपलब्ध कराती है। जब कोई छोटे उद्यम का मालिक अपना उद्यम शुरू करना चाहता है या उसे बढ़ाना चाहता है, तो उसे आर्थिक मदद की ज़रूरत होती है। इसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए एमएसएमई लोन दिए जाते हैं। आप कोटक बैंक में एमएसएमई लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। आप आवेदन प्रक्रिया में आम तौर पर निम्नलिखित स्टेप्स फ़ॉलो कर सकते हैं:

  • आवेदन : आप कोटक बैंक में जाकर या ऑनलाइन आवेदन करके एमएसएमई लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • दस्तावेज़ : आपको कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ जैसे कि पैन कार्ड, आधार कार्ड, उद्यम पंजीकरण प्रमाण पत्र वगैरह जमा करने होंगे।
  • मूल्यांकन : कोटक बैंक आपके आवेदन का मूल्यांकन करेगा और यह तय करेगा कि आप लोन के लिए योग्य हैं या नहीं।
  • स्वीकृति: अगर आप लोन के लिए योग्य पाए जाते हैं, तो कोटक बैंक आपका लोन स्वीकृत कर देगा।

धनराशि का वितरण: स्वीकृति के बाद, लोन की राशि आपके खाते में जमा कर दी जाएगी।

निष्कर्ष

एमएसएमई लोन छोटे उद्यमों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। ये लोन उद्यमों को विस्तार करने, नए उपकरण खरीदने, कर्मचारियों को रखने और कार्यशील पूंजी बढ़ाने में मदद करते हैं। भारत सरकार भी एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाती है। अगर आप एक छोटे उद्यम के मालिक हैं और अपने उद्यम को बढ़ाना चाहते हैं, तो आप आज ही कोटक बैंक से संपर्क करके एमएसएमई लोन के बारे में ज़्यादा जानकारी ले सकते हैं।

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