कन्वेन्स डीड क्या है?-अर्थ,प्रक्रिया और महत्व
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कन्वेयन्स डीड एक दस्तावेज़ है जो किसी संपत्ति के स्वामित्व को एक पक्ष से दूसरे पक्ष को हस्तांतरित करता है। यदि आपने कोई घर खरीदा और उसे अपने नाम कराना चाहते हैं, किसी को अपनी संपत्ति दान करना चाहते हैं, आप किसी को अपनी संपत्ति का पट्टा देना चाहते हैं, तो इन सब मामलों में आपको इस दस्तावेज़ की आवश्यकता होगी। इसे प्रॉपर्टी ट्रांसफर डीड, सेल डीड या टाइटल डीड के रूप में भी जाना जाता है।

आइए इस लेख में, हम कन्वेयन्स डीड के बारे में विस्तार से जानते हैं।

कन्वेयन्स डीड का महत्व

कन्वेयन्स डीड सिर्फ एक कागज़ नहीं, यह सबसे महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज़ों में से एक है जिसके माध्यम से विक्रेता खरीदार को संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण का दावा करता है। आइए जानते हैं कि कन्वेयन्स डीड क्यों ज़रूरी है:

  • स्वामित्व का प्रमाण: यह एक लिखित दस्तावेज़ है जो बताता है कि अब संपत्ति आपकी है, ये किसी झगड़े में सबूत का काम भी करता है।
  • कानूनी रूप से मज़बूत: इस डीड के बिना संपत्ति के हक को लेकर आपका दावा कमज़ोर पड़ सकता है, क्योंकि यह एक ज़रूरी कानूनी औपचारिकता है।
  • बिक्री या गिरवी आसान: इस डीड के साथ आप आसानी से संपत्ति बेच या गिरवी रख सकते हैं, जिससे संपत्ति के खरीदार या बैंक को भी आपकी मालकियत पर भरोसा होता है।
  • भविष्य की सुरक्षा: यह दस्तावेज़ आपकी और आपके परिवार की भविष्य में होने वाली किसी परेशानी से रक्षा करता है। ज़मीन के विवादों में ये काफी काम आता है।

कन्वेयन्स डीड पाने की प्रक्रिया

आइए जानते हैं कि आप कन्वेयन्स डीड कैसे हासिल कर सकते हैं:

  • वकील से सलाह लें: वकील आपको कन्वेयन्स डीड की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज़ों के बारे में जानकारी देगा।
  • डीड तैयार करें: डीड एक गैर-न्यायिक स्टैंप पेपर पर तैयार किया जाता है। डीड में विक्रेता और खरीदार का नाम, संपत्ति का विवरण, बिक्री की कीमत, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है।
  • डीड पर हस्ताक्षर करें: डीड पर विक्रेता और खरीदार के साथ-साथ दो गवाहों के हस्ताक्षर होते हैं।
  • डीड को रजिस्टर करें: डीड को स्थानीय रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्टर किया जाना चाहिए।

कन्वेयन्स डीड के लिए आवश्यक दस्तावेज़

कन्वेयन्स डीड के लिए आवश्यक दस्तावेज़ निम्नलिखित है:

दस्तावेज़ का नाम
नाम

विक्रेता और खरीदार के पहचान प्रमाण

आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि।

संपत्ति के स्वामित्व के प्रमाण

रजिस्ट्री दस्तावेज़, पॉवर ऑफ अटॉर्नी, लीज़ डीड आदि।

संपत्ति की बिक्री के लिए एक समझौता

रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू सेल या खरीद बिक्री अनुबंध।

 

 

आपको इन दस्तावेज़ों को स्थानीय रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा कराना होगा, जिसके बाद कन्वेयन्स डीड तैयार की जाती है और दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षर किया जाता है। इसके बाद, डीड को रजिस्टर किया जाता है और खरीदार को संपत्ति का स्वामित्व हस्तांतरित हो जाता है।


नोट:
इन दस्तावेज़ों की आवश्यकता राज्य और संपत्ति के प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकती है।

क्या कन्वेयन्स डीड रद्द हो सकती है?

हाँ, कन्वेयन्स डीड रद्द हो सकती है। कन्वेयन्स डीड रद्द करने के लिए, व्यक्ति को कोर्ट में एक याचिका दायर करनी होगी। कोर्ट द्वारा याचिका का निपटारा करने के बाद ही डीड रद्द की जा सकती है। कन्वेयन्स डीड रद्द करने के कुछ आधार निम्नलिखित हैं:

  • डीड में कोई गलती या गलत जानकारी हो।
  • डीड को धोखाधड़ी या जबरन हस्ताक्षर करके बनाया गया हो।
  • डीड के बाद से संपत्ति में कोई बड़ा बदलाव हुआ हो, जैसे कि नए निर्माण या किसी अन्य प्रकार की क्षति।

कन्वेयन्स डीड और सेल डीड में क्या अंतर है?

कन्वेयन्स डीड और सेल डीड में निम्नलिखित अंतर है:

विशेषताएं
कन्वेयन्स डीड सेल डीड

परिभाषा

संपत्ति के स्वामित्व को स्थानांतरित करने वाला कोई भी दस्तावेज़

एक विशिष्ट प्रकार का कन्वेयन्स डीड जो बिक्री के माध्यम से स्वामित्व हस्तांतरित करता है

दायरा

व्यापक, बिक्री, उपहार, विनिमय, पट्टे आदि सहित विभिन्न प्रकार के स्थानान्तरण शामिल हैं

संकीर्ण, केवल बिक्री के माध्यम से स्वामित्व के हस्तांतरण को शामिल करता है

महत्व

संपत्ति के स्वामित्व के कानूनी प्रमाण के रूप में कार्य करता है

संपत्ति की बिक्री के पूरा होने का प्रमाण है

अनिवार्य

संपत्ति के स्वामित्व को स्थानांतरित करने के लिए हमेशा आवश्यक होती है

केवल बिक्री के माध्यम से स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवश्यक है

 

और पढ़ें : What is Domicile Certificate Meaning, Required Document  How to Apply & Download Online


अक्सर
पूछे जाने वाले प्रश्न
 

1. कन्वेयन्स डीड को कहाँ परिभाषित किया गया है?

कन्वेयन्स डीड को भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 की धारा 53 में परिभाषित किया गया है। यह धारा कहती है कि "संपत्ति के स्वामित्व का हस्तांतरण एक संधि द्वारा किया जा सकता है, जिसे कन्वेयन्स डीड कहा जाता है”।
 

2. कन्वेयन्स डीड और डीम्ड कन्वेयन्स में क्या अंतर है?

सरल शब्दों में, कन्वेयन्स डीड एक वास्तविक दस्तावेज़ है जो संपत्ति के स्वामित्व को स्थानांतरित करता है, जबकि डीम्ड कन्वेयन्स एक कानूनी सिद्धांत है जो कुछ परिस्थितियों में संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण को मानता है, भले ही कोई वास्तविक दस्तावेज़ न हो।
 

3. क्या कन्वेयन्स डीड को रद्द करना संभव है?

हाँ, कन्वेयन्स डीड को रद्द करना संभव है। कन्वेयन्स डीड को रद्द करने के लिए, आपको कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा। यह प्रक्रिया स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट, 1963 के तहत होती है।
 

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