टैक्स रिटर्न दाखिल करने से पहले ध्यान रखने योग्य 5 महत्वपूर्ण बातें
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परिचय

टैक्स रिटर्न दाखिल करना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो प्रत्येक नागरिक को अपनी वित्तीय ज़िम्मेदारी निभाने के लिए करनी चाहिए। यह न केवल आपकी कर देयता को पूरा करने में मदद करता है, बल्कि आपको विभिन्न लाभों का भी हकदार बनाता है, जैसे कि लोन प्राप्त करने में सहूलियत होना या सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना। इस वर्ष, कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं जिनके बारे में आपको टैक्स रिटर्न दाखिल करने से पहले जान लेना चाहिए। इनमें नई कर दरें, नए आइटीआर फ़ॉर्म और सत्यापन प्रक्रिया में बदलाव शामिल हैं।

आइए इस लेख में, हम आपको टैक्स रिटर्न दाखिल करने से पहले ध्यान रखने योग्य 5 महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताएंगे, जिन बातों को ध्यान में रखकर आप इस प्रक्रिया को आसानी से और बिना किसी परेशानी के पूरा कर सकते हैं।

वित्तीय वर्ष 2023-2024 में टैक्स भरने की समय सीमा

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई, 2024 कर दी है। यह उन लोगों को राहत देता है जो अभी भी अपने दस्तावेज़ों को इकट्ठा कर रहे हैं या अपना रिटर्न भरने के लिए किसी पेशेवर की तलाश कर रहे हैं। यह अंतिम तिथि से पहले जल्दबाज़ी में ग़लतियाँ करने की संभावना को कम करता है। यह उन लोगों के लिए सुविधाजनक है जो इस दौरान व्यस्त हैं या यात्रा कर रहे हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह विस्तार केवल वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए लागू है।

आपको पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था के बीच चयन करना होगा

आपको पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था के बीच चयन करना होगा।

  • पुरानी कर व्यवस्था :

Ø ज़्यादा कर दरें (5% से 35% तक)

Ø विभिन्न प्रकार की कटौती और छूट (जैसे, 80C के तहत रु. 1,50,000)

  • नई कर व्यवस्था :

Ø कम कर दरें (5% से 30% तक)

Ø कम कटौती और छूट

यदि आप अधिक निवेश करते हैं और कर कटौती का लाभ उठाते हैं, तो पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है। यदि आप कम निवेश करते हैं और कम कर देयता चाहते हैं, तो नई कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है। तो, आइए जानते हैं कि कर व्यवस्था का चयन करते वक़्त आपको कौनसे निम्नलिखित कारकों पर ध्यान देना चाहिए:

  • आपकी आय : यदि आपकी आय कम है, तो नई कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है। यदि आपकी आय अधिक है, तो पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है।
  • आपके द्वारा किए गए निवेश: यदि आप अधिक निवेश करते हैं, तो पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है। यदि आप कम निवेश करते हैं, तो नई कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है।
  • आपकी कर देयता : यदि आपकी कर देयता कम है, तो नई कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है। यदि आपकी कर देयता अधिक है, तो पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है।

सही आईटीआर फ़ॉर्म चुनना याद रखें

आपके द्वारा चुना गया आईटीआर फ़ॉर्म आपके द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी और आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले कर को निर्धारित करता है। सही आईटीआर फ़ॉर्म चुनने के लिए, आपको अपनी आय के स्रोतों और आपके द्वारा किए गए निवेशों पर विचार करना होगा। यदि आप ग़लत आईटीआर फ़ॉर्म चुनेंगे, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। तो, आइए जानते हैं कि आयकर विभाग की वेबसाइट पर सामान्य आईटीआर फ़ॉर्म कौन-कौन से हैं:

  • आईटीआर -1: वेतनभोगी व्यक्तियों और पेंशनभोगियों के लिए
  • आईटीआर -2: व्यवसायियों और पेशेवरों के लिए
  • आईटीआर -3: कृषि आय वाले व्यक्तियों के लिए
  • आईटीआर -4: वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए जिनकी आय ₹50 लाख से अधिक है
  • आईटीआर -5: व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए जो आईटीआर -7 फ़ॉर्म दाखिल नहीं करते हैं
  • आईटीआर -6: कंपनियों के लिए
  • आईटीआर -7: धर्मार्थ संस्थानों और राजनीतिक दलों के लिए

आपको कुछ प्रमुख दस्तावेज़ तैयार रखने होंगे

कर दाखिल करते समय आपको निम्नलिखित महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

  • फ़ॉर्म 16 और फ़ॉर्म 16A: वेतन से TDS की जानकारी
  • ब्याज प्रमाण पत्र : बैंकों से ब्याज़ आय
  • फ़ॉर्म 26 एएस : आयकर विभाग द्वारा जारी वार्षिक कर विवरण
  • कर - बचत निवेश के प्रमाण : जीवन बीमा प्रीमियम, पीपीएफ, होम लोन, टैक्स-सेवर एफ़डी, आदि
  • अन्य दस्तावेज़ : चिकित्सा बीमा प्रीमियम, शिक्षण शुल्क, दान, आदि

आपको अपना रिटर्न दाखिल करने के बाद उसे सत्यापित करना होगा

रिटर्न दाखिल करने के बाद उसे सत्यापित करना महत्वपूर्ण है। सत्यापन यह सुनिश्चित करता है कि आपके द्वारा प्रदान की गई जानकारी सही और पूरी है। यदि आप अपना रिटर्न सत्यापित नहीं करते हैं, तो इसे अमान्य माना जा सकता है। आप रिटर्न दाखिल करने के बाद, उसे निम्नलिखित तरीके से सत्यापित कर सकते हैं:

  • ई - सत्यापन : आप अपने मोबाइल नंबर या नेट बैंकिंग के माध्यम से ई-सत्यापन कर सकते हैं।
  • आईटीआर - वी फ़ॉर्म भेजना : आप आईटीआर-वी फ़ॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं, उस पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और इसे आयकर विभाग को भेज सकते हैं।

उपसंहार

वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करने से पहले, इन 5 महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखें:

  • समय सीमा : 31 मार्च 2024 तक अपना रिटर्न दाखिल करें।
  • कर व्यवस्था : अपनी आय और निवेश के आधार पर पुरानी या नई कर व्यवस्था चुनें।
  • आईटीआर फ़ॉर्म : अपनी आय और आय के स्रोत के आधार पर सही आईटीआर फ़ॉर्म चुनें।
  • दस्तावेज़ : सभी आवश्यक दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें।
  • सत्यापन : ई-वेरिफ़िकेशन या आईटीआर-V भेजकर अपना रिटर्न सत्यापित करें।

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