जीएसटी रिफंड प्रक्रिया: जीएसटी रिफंड क्लेम कैसे करें और आवश्यक दस्तावेज़
  • Personal
  • Business
  • Corporate
  • Private Banking
  • Privy League
  • NRI Services
  • Investors
  • Personal
  • Business
  • Corporate
  • Private Banking
  • Privy League
  • NRI Services
  • Investors
languagetoast-icon
This article is also available to read in
English

जीएसटी रिफ़ंड क्या है?

जीएसटी रिफ़ंड एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत पंजीकृत कारोबार आपके द्वारा जमा की गयी अतिरिक्त जीएसटी राशि को वापस ले सकते हैं। यह तब लागू होता है, जब आप ग़लती से ज़्यादा टैक्स भर देते हैं, निर्यात करते हैं या फिर सरकारी संस्थाओं को अपूर्तियाँ करते हैं। आप इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) जमा होने पर भी रिफ़ंड क्लेम कर सकते हैं, जो अक्सर निर्यात या रियायती दर वाली आपूर्तियों में होता है। कोटक महिंद्रा बिज़नेस बैंकिंग आपको जीएसटी से जुड़ी किसी भी समस्या को सुलझाने में मदद कर सकता है।

जीएसटी रिफ़ंड प्रक्रिया क्या है?

अगर आपने ग़लती से ज़्यादा जीएसटी भर दिया है तो चिंता न करें, आप उसे वापस ले सकते हैं। जीएसटी रिफ़ंड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है सबसे पहले, जीएसटी पोर्टल पर जाकर आरएफडी-01 फ़ॉर्म भरें। यह फ़ॉर्म दाखिल करने की तिथि से दो साल के अंदर जमा करना होता है। फ़ॉर्म में राशि, कर वर्ष और ज़रूरी दस्तावेज़ों की जानकारी देनी होगी। इसके बाद, जीएसटी अधिकारी आपके आवेदन की जाँच करेंगे। यदि सब कुछ सही पाया गया, तो राशि आपके कोटक महिंद्रा बैंक बिज़नेस खाते में जमा कर दी जाएगी। आप जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करके या बिना लॉगिन के भी अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। तो देर किस बात कि जल्द ही अपना जीएसटी रिफ़ंड प्राप्त करें।

रिफ़ंड का दावा कब किया जा सकता है?

आप जीएसटी रिफ़ंड का दावा तब कर सकते हैं, जब:

  • आपने ग़लती से ज़्यादा टैक्स भर दिया हो।
  • आपने सामान या सेवाओं का निर्यात किया हो।
  • संयुक्त राष्ट्र या दूतावासों ने कोई ख़रीदारी की हो।
  • आपको कच्चा माल खरीदने पर ज़्यादा टैक्स देना पड़ा हो।
  • टैक्स विभाग के आदेश के बाद आपको ज़्यादा जमा कराया गया टैक्स वापस मिल सकता है।
  • विदेशी पर्यटक देश छोड़ते समय टैक्स रिफ़ंड ले सकते हैं।

रिफ़ंड का दावा करने की समय सीमा क्या है?

जीएसटी रिफ़ंड के लिए आवेदन करने की समय-सीमा दो साल है, जो इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस वजह से रिफ़ंड का दावा कर रहे हैं:

  • अतिरिक्त जीएसटी भुगतान: भुगतान की तारीख से दो साल के अंदर।
  • वस्तुओं या सेवाओं का निर्यात: सामान भेजने/लोड होने/सीमा पार करने की तारीख से दो साल।
  • शून्य-रेटेड आपूर्ति या निर्यात के कारण जमा हुआ इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी): चालान जारी करने की तारीख या भुगतान प्राप्त होने की तारीख (जो भी लागू हो) से दो साल।

जीएसटी रिफ़ंड का दावा कैसे करें?

जीएसटी का रिफ़ंड पाने के लिए आपको फ़ॉर्म आरएफडी-01 जमा करना होगा। यह फ़ॉर्म दाखिल करने की समय सीमा दो साल है। साथ ही, किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट से फ़ॉर्म को मंज़ूरी दिलवानी ज़रूरी है। इसके अलावा, ऑनलाइन कई टूल मौजूद हैं जिनसे आप जीएसटी रिफ़ंड की राशि का पता लगा सकते हैं।

जीएसटी रिफ़ंड स्थिति चेक करने के 3 स्टेप्स क्या हैं?

जीएसटी रिफ़ंड पाने की प्रक्रिया को आप निम्नलिखित तीन स्टेप्स में पूरा कर सकते हैं:

पहला स्टेप: रिफ़ंड के लिए आवेदन

सबसे पहले, आप जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाइन रिफ़ंड के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन में आपको ज़रूरी जानकारी भरनी होगी, जैसे आप कितना रिफ़ंड चाहते हैं, किस टैक्स वर्ष का और साथ ही साथ ज़रूरी दस्तावेज़ भी जमा करने होंगे।

दूसरा स्टेप: आवेदन की जाँच

आपके आवेदन और दस्तावेज़ों की जाँच जीएसटी अधिकारी करेंगे। अगर उन्हें कोई और जानकारी चाहिए होगी तो वो आपसे संपर्क करेंगे। जाँच पूरी होने और मंज़ूरी मिलने के बाद रिफ़ंड आपके बैंक खाते में जमा कर दिया जाएगा।

तीसरा स्टेप: रिफ़ंड की पुष्टि

अगर आपका रिफ़ंड मंज़ूर हो जाता है तो आपको एक ऑर्डर मिलेगा, जिसमें बताया जाएगा कि पैसा आपके खाते में जमा कर दिया जाएगा। आप जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करके कभी भी अपने रिफ़ंड की स्थिति देख सकते हैं। पोर्टल पर आपको रिफ़ंड स्टेटस अपडेट मिलता रहेगा।

जीएसटी रिफ़ंड का दावा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ क्या हैं?

आपका जीएसटी रिफ़ंड दिलाने में निम्नलिखित दस्तावेज़ अहम भूमिका निभाते हैं:

  • फ़ॉर्म आरएफ़डी-01: यह रिफ़ंड दावा करने का मुख्य फ़ॉर्म है।
  • बिक्री और खरीद चालान: ये चालान दावा किए गए रिफ़ंड का समर्थन करते हैं।
  • बैंक खाता विवरण: रिफ़ंड आपके कोटक महिंद्रा बिज़नेस खाते में आएगा, इसलिए खाते का विवरण ज़रूरी है।
  • जीएसटी रिटर्न की प्रतिक्रिया: ये रिटर्न आपके टैक्स भुगतान का रिकॉर्ड रखते हैं।
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट का प्रमाणपत्र (कुछ मामलों में): कुछ मामलों में, सीए सर्टिफ़िकेट ज़रूरी हो सकता है। ये दस्तावेज़ अधिकारियों को यह समझने में मदद करते हैं कि आपका रिफ़ंड दावा वैलिड है।

निष्कर्ष

कभी-कभी बिज़नेस में टैक्स के रूप में अतिरिक्त पेमेंट हो जाती है, जिसे जीएसटी रिफ़ंड के जरिए वापस लिया जा सकता है। बिल जमा कर और अतिरिक्त पेमेंट का सबूत देकर, आप रिफ़ंड प्राप्त कर सकते हैं। अब ऑनलाइन प्रक्रिया से आप आसानी से जीएसटी रिटर्न भर सकते हैं, दावा कर सकते हैं और भुगतान या रिफ़ंड ट्रैक कर सकते हैं।

 

Latest Comments

Leave a Comment

200 Characters


Kotax Payment Guide

Timely GST Payment: Your Path to Financial Health!

Read Next
income-tax-return-due-date-t

Mark Your Calendar Understanding Income Tax Return Filing Due Dates

how-to-make-tds-challan-payment-online-t

How To Make Tds Challan Payment Online

income-tax-e-verification-t

How to e-Verify Your Income Tax Return(ITR)

Load More

Back to Top