जीएसटीआर-1 क्या है?: दाखिल करने का तरीका, पात्रता और अंतिम तिथि
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जीएसटीआर-1 क्या है?

जीएसटीआर-1 एक महत्वपूर्ण जीएसटी रिटर्न है, जिसे नियमित योजना के तहत पंजीकृत सभी करदाताओं को मासिक या तिमाही आधार पर (आपके कारोबार के अनुसार) दाखिल करना होता है। समय पर जीएसटीआर-1 दाखिल करना आपके अनुपालन को सुनिश्चित करता है, प्राप्तकर्ता को सही इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने में मदद करता है, पारदर्शी लेनदेन को बढ़ावा देता है और जुर्माने से बचाता है।

जीएसटीआर-1 दाखिल करने की पात्रता

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) व्यवस्था में, जीएसटीआर-1 एक महत्वपूर्ण फ़ॉर्म है। वैसे तो यह हर श्रेणी का करदाता भारत है, लेकिन रचना योजना में शामिल, इनपुट सेवा वितरक व ग़ैर-निवासी कर योग्य व्यक्ति, कर कटौती एजेंट, और सूचना और डेटाबेस एक्सेस या पुनर्प्राप्ति सेवा प्रदाता जैसे कुछ अन्य मामलों में भी जीएसटीआर-1 दाखिल करने की आवश्यकता नहीं हो सकती है। आइए जानते हैं कि कौन से करदाता जीएसटीआर-1 दाखिल करने के लिए पात्र हैं:

  • नियमित करदाता: यदि आप जीएसटी के तहत नियमित करदाता के रूप में पंजीकृत हैं, तो आपको जीएसटीआर-1 दाखिल करना होगा।
  • आपूर्ति: यदि आपने कर अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की कर योग्य या कर-मुक्त आपूर्ति की है, तो आपको जीएसटीआर-1 दाखिल करना होगा।
  • वार्षिक कारोबार: यदि आपका वार्षिक कारोबार रु.5 करोड़ से कम है, तो आप तिमाही आधार पर जीएसटीआर-1 दाखिल कर सकते हैं।
  • ई-कॉमर्स ऑपरेटर: यदि आप ई-कॉमर्स ऑपरेटर हैं, तो आपको ईसीओ-विशिष्ट तालिकाओं के साथ जीएसटीआर-1 दाखिल करना होगा।

जीएसटीआर-1 दाखिल करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़

जीएसटीआर-1 दाखिल करने के लिए, आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ों और जानकारी की आवश्यकता होगी:

  • वैध जीएसटीआईएन: यह आपकी जीएसटी पहचान संख्या है और यह फ़ॉर्म पर अनिवार्य रूप से उल्लिखित होनी चाहिए।
  • डिजिटल हस्ताक्षर सर्टिफिकेट (डीएससी): यदि आप ऑनलाइन फ़ॉर्म जमा कर रहे हैं, तो आपको डीएससी की आवश्यकता होगी। आप आधार आधारित ई-हस्ताक्षर का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • चालान और डेबिट/क्रेडिट नोट: आपको कर अवधि के दौरान जारी किए गए सभी चालानों और डेबिट/क्रेडिट नोटों का विवरण प्रदान करना होगा।
  • बैंक लेनदेन विवरण: यदि आपने बैंक के माध्यम से कर भुगतान किया है, तो आपको बैंक लेनदेन विवरण की आवश्यकता होगी।

जीएसटीआर-1 देय तिथि

जीएसटीआर-1 दाखिल करना एक नियमित प्रक्रिया है, जिसकी देय तिथि आपके व्यवसाय के प्रकार और आपके द्वारा चुनी गई फ़ाइलिंग आवृत्ति पर निर्भर करता है। आपको जीएसटीआर-1 दाखिल करने की समय सीमा के भीतर ही भुगतान करना चाहिए क्योंकि आपको दंड, भुगतान पर ब्याज व इनपुट टैक्स क्रेडिट का नुकसान अन्य तरह के नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। आइए हम जीएसटीआर-1 देय तिथि के बारे में विस्तार से जानते हैं:

  • नियमित करदाता (मासिक फ़ाइलिंग): यदि आपका वार्षिक कारोबार रु.5 करोड़ से अधिक है, तो आपको हर महीने जीएसटीआर-1 दाखिल करना होगा। देय तिथि आमतौर पर महीने के 10वें या 11वें दिन होती है (सरकारी छुट्टियों को छोड़कर)।
  • नियमित करदाता (तिमाही फ़ाइलिंग): यदि आपका वार्षिक कारोबार रु.5 करोड़ से कम है, तो आप तिमाही आधार पर जीएसटीआर-1 दाखिल करने का विकल्प चुन सकते हैं। देय तिथि तिमाही के बाद अगले महीने की 10वीं या 11वीं तारीख होती है।
  • अन्य करदाता (अपवाद): रचना योजना के तहत आने वाले या इनपुट सेवा वितरक जैसे कुछ ख़ास मामलों में जीएसटीआर-1 दाखिल करना अनिवार्य नहीं है।

जीएसटीआर-1 किसे फ़ाइल करना चाहिए?

जीएसटीआर-1, जिसे "वस्तु एवं सेवा कर बाहरी आपूर्ति विवरण" भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण कर रिटर्न है जो भारत में पंजीकृत करदाताओं को दाखिल करना होता है, जिसे निम्नलिखित करदाता दाखिल कर सकते है:

  • नियमित करदाता: यदि आपने जीएसटी के तहत नियमित करदाता के रूप में रजिस्टरेशन कराया है, तो आपको जीएसटीआर-1 दाखिल करना होगा। इसमें सभी प्रकार के व्यवसाय शामिल हैं, जैसे कि:
    • वस्तुओं का विक्रेता
    • सेवाओं का प्रदाता
    • मिश्रित आपूर्तिकर्ता (वस्तुओं और सेवाओं दोनों का विक्रेता)
    • ई-कॉमर्स ऑपरेटर (ईसीओ)
    • अन्य कर योग्य अपूर्तियाँ
  • मौसमी करदाता: यदि आपने मौसमी करदाता के रूप में रजिस्टरेशन कराया है, तो आपको भी जीएसटीआर-1 दाखिल करना होगा।

जीएसटीआर-1 को कैसे संशोधित करें?

जीएसटीआर-1 में त्रुटियाँ या ग़लत जानकारी होने पर, आप इसे निम्नलिखित तरीके से संशोधित कर सकते हैं:

  1. सबसे पहले, अपने जीएसटीआईएन और पासवर्ड का उपयोग करके पोर्टल पर लॉगिन करें।
  2. फिर सेवाएँ टैब पर क्लिक करें और रिटर्न ड्रॉप-डाउन मेनू से जीएसटीआर-1 चुनें।
  3. इसके बाद संशोधित करें विकल्प चुनें व आप जिस महीने/तिमाही के जीएसटीआर-1 को संशोधित करना चाहते हैं उसे चुनें।
  4. फिर, संशोधित करें बटन पर क्लिक करें व आवश्यक परिवर्तन करें और समीक्षा करें बटन पर क्लिक करें।
  5. सभी विवरणों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें और जमा करें बटन पर क्लिक करें और डीएससी या ई-हस्ताक्षर का उपयोग करके रिटर्न को जमा करें।

जीएसटीआर-1 फ़ाइलिंग स्थिति कैसे देखें

जीएसटीआर-1 दाखिल करने के बाद, यह महत्वपूर्ण है कि आप इसकी फ़ाइलिंग स्थिति की जाँच करें, जिसके लिए आप निम्नलिखित स्टेप्स को फ़ॉलो कर सकते हैं:

  1. सबसे पहले, अपने जीएसटीआईएन और पासवर्ड का उपयोग करके जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करें।
  2. फिर, सेवाएँ टैब पर क्लिक करें और रिटर्न ड्रॉप-डाउन मेनू से जीएसटीआर-1 चुनें।
  3. इसके बाद रिटर्न स्थिति विकल्प चुनें व आवश्यक विवरण (वर्ष, महीना/तिमाही) चुनें।
  4. फिर, खोजें बटन पर क्लिक करें, जिसपर आपकी जीएसटीआर-1 रिटर्न की स्थिति स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी।

जीएसटीआर-1 लेट फ़ीस और जुर्माना

जीएसटीआर-1 समय पर दाखिल करना महत्वपूर्ण है। यदि आप देरी से दाखिल करते हैं, तो आपको जीएसटी विभाग द्वारा निम्नलिखित लेट फ़ीस और जुर्माना भरना पड़ सकता है:

  • लेट फ़ीस:
    • सामान्य श्रेणी के करदाता (रु.1.5 करोड़ से अधिक का टर्नओवर): रु.50 प्रति दिन
    • कम श्रेणी के करदाता: (रु.1.5 करोड़ से कम का टर्नओवर): रु.25 प्रति दिन
  • जुर्माना: लेट फ़ीस के अतिरिक्त, देरी की अवधि के लिए बकाया कर राशि पर 18% की वार्षिक ब्याज दर लागू की जाएगी।

नोट: लेट फ़ीस और जुर्माना न्यूनतम रु.100 होगा। यदि आप जीएसटीआर-1 बिल्कुल भी नहीं दाखिल करते हैं, तो आपको भारी जुर्माना और कर की देय राशि पर ब्याज भी देना होगा।

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Frequently Asked Questions

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Should I file GSTR 1 even if there are no sales in a month?

Yes. In such cases, one is required to file a GST1 Nil return

Can I upload an invoice only while filing the return?

One has the flexibility to upload invoices at any time. However, it is strongly recommended that you upload invoices periodically throughout the month to prevent the need for a large, time-consuming bulk upload when it's time to file returns.

Can I change a bill/ invoice uploaded on the GST portal?

Following the upload of bills, one has the freedom to make multiple revisions or adjustments as needed. There are no limitations on modifying invoices after they have been uploaded. However, it's important to note that one can only make changes to an invoice before you officially submit the return. 

Can I file GSTR 1 after the due date?

Yes, it is possible to submit the GSTR 1 return even after the deadline has passed. Nevertheless, please be aware that a late fee for GSTR 1 will be imposed based on the number of days the filing is delayed.

What is the difference between GSTR 1 & GSTR 3B?

In GSTR 1, one is required to provide a comprehensive breakdown of all sales details, while in the GSTR 3B return, one needs to report summarized figures for sales, Input Tax Credit (ITC) claimed, and the net tax payable.

Can I file GSTR 1 even after filing GSTR 3B?

No, with effect from 1st January 2022, one has to file GSTR 1 before filing the GSTR 3B return.

Should I make a GST payment after filing GSTR 1?

GSTR 1 is a return used for reporting sales details to the government, and it doesn't require a tax payment upon filing. On the other hand, when filing GSTR 3B, you are obligated to settle any tax liabilities that may be due.

How can I upload invoices under the QRMP scheme?

One has the option to utilize the Invoice Furnishing Facility (IFF) to upload invoices pertaining to the initial two months of the quarter, while the invoices for the final month of the quarter can be included in the quarterly GSTR 1 return.