कॉर्पोरेट एनपीएस योजना क्या है? प्रकार, लाभ एवं कैसे काम करता है
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कॉर्पोरेट एनपीएस के लाभ और सुविधाओं की खोज में यह महत्वपूर्ण है कि आप इस निवेश में सही रूप से सुनिश्चित हों। इसमें वित्तीय स्थिति को सुधारने की संभावना है, साथ ही यह कर्मचारियों को अच्छे लाभ और सुविधाएं प्रदान करके उन्हें प्रेरित कर सकता है।

कॉर्पोरेट एनपीएस योजना क्या है?

आप रिटायरमेंट के बाद आराम की ज़िंदगी का सपना देखते हैं, लेकिन क्या इसके लिए आपने कोई ठोस कदम उठाया है? अगर नहीं, तो कॉर्पोरेट एनपीएस आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। यह सरकारी पहल, कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन लाभ देने का विकल्प देती है। व्यक्तिगत एनपीएस खाते से अलग, कॉर्पोरेट एनपीएस में कंपनियां योगदान दे सकती हैं, जिससे आपका रिटायरमेंट कोष तेज़ी से बढ़ता है। साथ ही, इसमें टैक्स छूट जैसे कई शानदार लाभ भी मिलते हैं।

कॉर्पोरेट एनपीएस योजनाओं के प्रकार

कॉर्पोरेट एनपीएस एक सरकारी योजना है जो निजी नियोक्ताओं को कर्मचारियों के लिए पेंशन लाभ बनाने में मदद करती है। कॉर्पोरेट एनपीएस योजना के दो मुख्य प्रकारों में विभाजित है:

  • टियर I: यह एक पेंशन खाता है जो रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्रदान करता है। इसमें जमा राशि पर कर लाभ मिलता है। 60 वर्ष की आयु के बाद 60% राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है। शेष 40% राशि से वार्षिकी खरीदनी होती है जो जीवन भर पेंशन प्रदान करती है।
  • टियर II: यह एक निवेश खाता है जो आपको अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कभी भी पैसे निकालने की अनुमति देता है। इसमें जमा राशि पर कर लाभ नहीं मिलता है। आप अपनी पसंद के अनुसार निवेश विकल्प चुन सकते हैं। आप अपनी पसंद के अनुसार फंड मैनेजर चुन सकते हैं।

कॉर्पोरेट एनपीएस के लाभ

कॉर्पोरेट एनपीएस से ना सिर्फ रिटायरमेंट के बाद, बल्कि काम के दौरान भी कर्मचारियों को कई फायदे मिलते हैं। आइए कॉर्पोरेट एनपीएस के निम्नलिखित लाभों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

  • टैक्स बचत:कर्मचारियों को उनके योगदान और कंपनी के योगदान दोनों पर टैक्स छूट मिलती है।

निवेश पर बेहतर रिटर्न:बाजार से जुड़े विकल्पों में निवेश से संभावित रूप से अधिक रिटर्न मिलता है।

  • कोष निर्माण:टियर 1 खाते में जमा राशि रिटायरमेंट के लिए मोटी रकम तैयार करती है। टियर 2 खाते से ज़रूरत पड़ने पर धन निकाल सकते हैं।
  • नियमित आय:रिटायरमेंट के बाद टियर 1 खाते से पेंशन के रूप में नियमित आय प्राप्त होती है।
  • आर्थिक सुरक्षा:भविष्य की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मज़बूत वित्तीय आधार मिलता है, जिससे आपको रिटायरमेंट के बाद आर्थिक चिंताओं से मुक्ति मिलती है।

एनपीएस टियर 2 की विशेषताएँ

एनपीएस टियर 2, एनपीएस का एक विकल्प है जो आपको निवेश और निकासी की अधिक स्वतंत्रता प्रदान करता है। आइए एनपीएस टियर 2 की निम्नलिखित विशेषताओं के बारे में जानते हैं:

  • निवेश:आप इक्विटी,बॉन्ड और गवर्नमेंट सेक्योरिटीज़ में निवेश कर सकते हैं।

निकासी:आप 60 वर्ष की आयु से पहले कभी भी अपना पैसा निकाल सकते हैं।

  • फ्लेक्सबल:आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपनी योगदान राशि और निवेश विकल्प बदल सकते हैं।
  • शिक्षा और विवाह:आप अपने बच्चों की शिक्षा और विवाह के लिए धन जुटाने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
  • वित्तीय लक्ष्य:आप अपने अन्य वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।

कॉर्पोरेट एनपीएस कैसे काम करता है

कॉर्पोरेट एनपीएस में दो तरह के खाते होते हैं: टियर I और टियर II, टियर II खाते सिर्फ़ व्यक्तिगत निवेश के लिए होते हैं। खाता खुलवाने के बाद, आप निवेश राशि और फंड चुनने के लिए ज़्यादा या कम नियंत्रण वाली एक्टिव चॉइस या ऑटो चॉइस चुन सकते हैं। टियर II से पूरी रकम कभी भी निकाली जा सकती है, लेकिन उस पर टैक्स छूट नहीं मिलती। वहीं, टियर I से निकासी पर पाबंदियाँ हैं। उदाहरण के लिए, केवल 25% रकम ही लगातार 3 साल योगदान करने के बाद निकाली जा सकती है।

कॉर्पोरेट एनपीएस के लिए, आपको निम्नलिखित पात्रता मापदंडों को पूरा करना होगा:

  • आपकी कंपनी ने एनपीएस योजना को अपनाया हो।
  • आप भारत के नागरिक हों (निवासी, अनिवासी या ओसीआई)।
  • आपकी आयु 18-70 वर्ष के बीच हो।
  • आपने केवाईसी मापदंडों का पालन किया हो।

खातों के प्रकार 

एनपीएस के खाते के निम्नलिखित प्रकार है:

  • टियर I: यह आपका रिटायरमेंट खाता है जहाँ आपका पैसा जमा होता है और रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है।
  • टियर II: यह वैकल्पिक निवेश खाता है जहाँ आप स्वेच्छा से योगदान कर सकते हैं और किसी भी समय राशि निकाल सकते हैं।

कॉर्पोरेट एनपीएस के लिए निवेश विकल्प

कॉर्पोरेट एनपीएस में दो निम्नलिखित निवेश विकल्प होते हैं:

  • ऐक्टिव चॉइस: इस विकल्प में, आप अपनी पसंद के अनुसार इक्विटी, कॉर्पोरेट बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड और वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) में निवेश करते हैं। यह आपको अपने जोखिम और रिटर्न प्रोफ़ाइल को नियंत्रित करने की अनुमति देता है। यह अनुभवी निवेशकों के लिए बेहतर है।
  • ऑटो चॉइस: इस विकल्प में, आपकी उम्र के आधार पर आपका निवेश स्वचालित रूप से विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में किया जाता है। यह आपको निवेश के बारे में चिंता करने से मुक्त करता है। यह शुरुआती लोगों के लिए बेहतर है।

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